
नई दिल्ली: दिग्गज कारोबारी और महिंद्रा समूह के चेयरपर्सन आनंद महिंद्रा अपनी प्रेरणादायक पोस्ट्स के लिए सोशल मीडिया पर हमेशा चर्चाओं में रहते हैं। हाल ही में उन्होंने युवा शतरंज खिलाड़ी डी गुकेश का एक वीडियो शेयर किया, जिसमें गुकेश ने अपनी प्रेरणादायक सोच का परिचय दिया।
आनंद महिंद्रा ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, “मैं भी ऐसा करूंगा…हर गेम में अपने बेस्ट वर्जन के साथ जाना। ये ऐसी फिलॉसफी है, जो न सिर्फ एक खिलाड़ी, बल्कि हर किसी को प्रेरणा देती है।” उन्होंने गुकेश का धन्यवाद देते हुए लिखा कि पूरा देश उन्हें वर्ल्ड चैंपियन बनते देखना चाहता है।
यह वीडियो एक कार्यक्रम में हुए गुकेश के इंटरव्यू का है, जहां उन्होंने अपने विजन और गेम की रणनीति पर चर्चा की। महिंद्रा ने गुकेश की सोच को न केवल खेल के लिए, बल्कि जीवन में भी अपनाने योग्य बताया।
क्या बोले गुकेश?

42 सेकंड के इस वीडियो में डी गुकेश ने वर्ल्ड चैंपियनशिप से पहले अपनी सोच और प्रतिबद्धता के बारे में खुलकर बात की। उन्होंने कहा, “मेरा काम पूरी तरह स्पष्ट है। हर गेम में अपने बेस्ट वर्जन के साथ उतरना और अपना बेहतरीन खेल दिखाना। अगर मैं ऐसा करता हूं, अच्छी शतरंज खेलता हूं और सही प्रतिबद्धता के साथ टिका रहता हूं, तो फिर मेरी फॉर्म अच्छी हो या खराब, मैं इसके बारे में ज्यादा नहीं सोचता।”
गुकेश की यह सादगी और दृढ़ निश्चय उनकी मानसिक ताकत और खेल के प्रति उनकी समर्पण भावना को दर्शाता है। उनकी यह सोच न केवल खिलाड़ियों के लिए, बल्कि हर किसी के लिए प्रेरणादायक है।
गुकेश पर टिकीं उम्मीदें:
युवा ग्रैंडमास्टर डी गुकेश जल्द ही वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप 2024 में खिताब के लिए मैदान में उतरने वाले हैं। उनके आत्मविश्वास और सकारात्मक दृष्टिकोण ने पहले ही देशभर में प्रशंसा हासिल कर ली है।
महिंद्रा की इस पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर लोग गुकेश के समर्थन में शुभकामनाएं दे रहे हैं और उनकी सोच को प्रेरणादायक बता रहे हैं। गुकेश न केवल भारतीय शतरंज का भविष्य हैं, बल्कि उनकी सोच और खेल की शैली उन्हें वैश्विक मंच पर भी एक अलग पहचान दिला रही है।
11 साल बाद गुकेश से उम्मीदें, बना सकते हैं भारत को चैंपियन

भारत के 18 वर्षीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश 11 साल बाद देश को वर्ल्ड शतरंज चैंपियनशिप का खिताब दिलाने की कगार पर हैं। उनका मुकाबला मौजूदा चैंपियन डिंग लिरेन से होने वाला है। इससे पहले, 2013 में महान शतरंज खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद ने भारत को यह प्रतिष्ठित खिताब दिलाया था।
गुकेश न केवल दुनिया के सबसे कम उम्र के ग्रैंडमास्टर हैं, बल्कि उनकी बेजोड़ प्रतिभा ने उन्हें इस टूर्नामेंट का सबसे रोमांचक खिलाड़ी बना दिया है। वर्ल्ड शतरंज चैंपियनशिप के 138 साल के इतिहास में यह पहली बार है जब फाइनल में दो एशियाई खिलाड़ी आमने-सामने होंगे।
यह ऐतिहासिक मुकाबला सोमवार को शुरू होगा, और पूरी दुनिया की नजरें इस युवा भारतीय प्रतिभा पर टिकी हैं। गुकेश का प्रदर्शन न केवल भारतीय शतरंज को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकता है, बल्कि वह एक नई पीढ़ी के खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा बन सकते हैं।